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\c 15 \v 1 सब चुंगी लेनेवाले और पापी उसके पास आया करते थे ताकि उसकी सुनें। \v 2 और फरीसी और शास्त्री कुड़कुड़ाकर कहने लगे, “यह तो पापियों से मिलता है और उनके साथ खाता भी है।”
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