1 line
886 B
Plaintext
1 line
886 B
Plaintext
|
\v 57 “तुम आप ही निर्णय क्यों नहीं कर लेते, कि उचित क्या है? \v 58 जब तू अपने विरोधी के साथ न्यायाधीश के पास जा रहा है, तो मार्ग ही में उससे छूटने का यत्न कर ले ऐसा न हो, कि वह तुझे न्यायी के पास खींच ले जाए, और न्यायी तुझे सिपाही को सौंपे और सिपाही तुझे बन्दीगृह में डाल दे। \v 59 मैं तुम से कहता हूँ, कि जब तक तू पाई-पाई न चुका देगा तब तक वहाँ से छूटने न पाएगा।”
|