\v 63 जो मनुष्य यीशु को पकड़े हुए थे, वे उसका उपहास करके पीटने लगे; \v 64 और उसकी आँखें ढाँपकर उससे पूछा, “भविष्यद्वाणी करके बता कि तुझे किसने मारा।” \v 65 और उन्होंने बहुत सी और भी निन्दा की बातें उसके विरोध में कहीं। पुरनिए और महासभा के सामने यीशु