\v 5 तब प्रेरितों ने प्रभु से कहा, “हमारा विश्वास बढ़ा।” \v 6 प्रभु ने कहा, “यदि तुम को राई के दाने के बराबर भी विश्वास होता, तो तुम इस शहतूत के पेड़ से कहते कि जड़ से उखड़कर समुद्र में लग जा, तो वह तुम्हारी मान लेता। उत्तम सेवक