hi_luk_text_ulb/03/12.txt

1 line
378 B
Plaintext
Raw Normal View History

\v 12 और चुंगी लेनेवाले भी बपतिस्मा लेने आए, और उससे पूछा, “हे गुरु, हम क्या करें?” \v 13 उसने उनसे कहा, “जो तुम्हारे लिये ठहराया गया है, उससे अधिक न लेना।”