hi_luk_text_ulb/13/10.txt

1 line
480 B
Plaintext
Raw Normal View History

\v 10 सब्त के दिन वह एक आराधनालय में उपदेश दे रहा था। \v 11 वहाँ एक स्त्री थी, जिसे अठारह वर्ष से एक दुर्बल करनेवाली दुष्टात्मा लगी थी, और वह कुबड़ी हो गई थी, और किसी रीति से सीधी नहीं हो सकती थी।