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\v 3 हे प्रियों, जब मैं तुम्हें उद्धार के उस विषय में लिखने के लिए अत्यन्त उत्सुक था, जिसमें हम सब सहभागी हैं; तो मैंने तुम्हें यह समझाना आवश्यक जाना कि उस विश्वास के लिये पूरा यत्न करो जो पवित्र लोगों को एक ही बार सौंपा गया था। \v 4 क्योंकि कितने ऐसे मनुष्य चुपके से हम में आ मिले हैं,जो बहुत पहले से ही इस दण्ड के लिये चिन्हित किए गए थे*: ये अधर्मी मनुष्य हैं, जो हमारे परमेश्वर के अनुग्रह को लुचपन में बदल डालते है, और हमारे एकमात्र प्रभु परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह का इन्कार करते हैं। |