From ac6584800b4c76cf8753060cc243860dc9a2db64 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Sat, 16 Nov 2024 00:03:17 +0530 Subject: [PATCH] Sat Nov 16 2024 00:03:17 GMT+0530 (India Standard Time) --- 01/22.txt | 3 +-- 01/24.txt | 1 + manifest.json | 4 +++- 3 files changed, 5 insertions(+), 3 deletions(-) create mode 100644 01/24.txt diff --git a/01/22.txt b/01/22.txt index 2946365..50f9680 100644 --- a/01/22.txt +++ b/01/22.txt @@ -1,2 +1 @@ -22  और उन पर, जो शंका में हैं दया करो। 23  और बहुतों को आग में से झपटकर निकालो, और बहुतों पर भय के साथ दया करो; वरन् उस वस्त्र से भी घृणा करो जो शरीर -के द्वारा अशुद्ध हो गया है। \ No newline at end of file +\v 22 और उन पर, जो शंका में हैं दया करो। \v 23 और बहुतों को आग में से झपटकर निकालो, और बहुतों पर भय के साथ दया करो; वरन् उस वस्त्र से भी घृणा करो जो शरीर के द्वारा अशुद्ध हो गया है। \ No newline at end of file diff --git a/01/24.txt b/01/24.txt new file mode 100644 index 0000000..0ceece0 --- /dev/null +++ b/01/24.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 24 \v 25 24  अब जो तुम्हें ठोकर खाने से बचा सकता है*, और अपनी महिमा की भरपूरी के सामने मगन और निर्दोष करके खड़ा कर सकता है; हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा, उस एकमात्र उद्धारकर्ता परमेश्‍वर की महिमा, गौरव, पराक्रम और अधिकार, जैसा सनातन काल से है, अब भी हो और युगानुयुग होती रहे। आमीन। \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index c3fff9a..f4fa245 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -45,6 +45,8 @@ "01-12", "01-14", "01-17", - "01-20" + "01-20", + "01-22", + "01-24" ] } \ No newline at end of file