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\v 8 फिर पहले तो तुम परमेश्‍वर को न जानकर उनके दास थे जो स्वभाव में देवता नहीं। \v 9 पर अब जो तुम ने परमेश्‍वर को पहचान लिया, वरन् परमेश्‍वर ने तुम को पहचाना, तो उन निर्बल और निकम्मी आदि-शिक्षा की बातों की ओर क्यों फिरते हो, जिनके तुम दोबारा दास होना चाहते हो?