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c1a8c51f49
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\v 20 मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूँ; और अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित है; और मैं शरीर में अब जो जीवित हूँ तो केवल उस विश्वास से जीवित हूँ, जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिस ने मुझसे प्रेम किया, और मेरे लिये अपने आप को दे दिया। \v 21 मैं परमेश्वर के अनुग्रह को व्यर्थ नहीं ठहराता; क्योंकि यदि व्यवस्था के द्वारा धार्मिकता होती, तो मसीह का मरना व्यर्थ होता। “
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\c 3 \v 1 हे निर्बुद्धि गलातियों! किस ने तुम्हें मोह लिया कि तुम सत्य का पालन न करो, तुम्हारी तो मानो आँखों के सामने यीशु मसीह क्रूस पर चढ़ाया गया! \v 2 मैं तुम से केवल यह जानना चाहता हूँ, कि तुम ने आत्मा को, क्या व्यवस्था के कामों से, या विश्वास के समाचार से पाया? \v 3 क्या तुम इतने मुर्ख हो? आत्मा की रीति पर आरम्भ करके, क्या अब तुम्हें माँस द्वारा सिद्ध बनाया जा रहा है?
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\v 4 \v 5 क्या तुम ने इतना दुःख व्यर्थ उठाया- यदि वास्तव में वह सचमे व्यर्थ था? इसलिए जो तुम्हें आत्मा दान करता और तुम में सामर्थ्य के काम करता है, वह क्या व्यवस्था के कामों से या विश्वास के सुसमाचार से ऐसा करता है?
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अध्याय 3
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"02-11",
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"02-13",
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"02-15",
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"02-17"
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"02-17",
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"03-01"
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