From e0676e541918304941d942d3a80e5dbad11d7506 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Mon, 4 Nov 2024 22:15:06 +0530 Subject: [PATCH] Mon Nov 04 2024 22:15:05 GMT+0530 (India Standard Time) --- 01/05.txt | 2 +- 1 file changed, 1 insertion(+), 1 deletion(-) diff --git a/01/05.txt b/01/05.txt index e4943cf..2e14888 100644 --- a/01/05.txt +++ b/01/05.txt @@ -1 +1 @@ -5और प्रेम में उसने अपनी इच्छा के भले अभिप्राय के अनुसार हमें अपने लिये पहले से ठहराया कि यीशु मसीह के द्वारा हम उसके लेपालक पुत्र हों, 6कि उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्तुति हो, जिसे उसने हमें अपने प्रिय पुत्र के द्वारा सेंत-मेंत दिया। \ No newline at end of file +\v 5 \v 6 5और प्रेम में उसने अपनी इच्छा के भले अभिप्राय के अनुसार हमें अपने लिये पहले से ठहराया कि यीशु मसीह के द्वारा हम उसके लेपालक पुत्र हों, 6कि उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्तुति हो, जिसे उसने हमें अपने प्रिय पुत्र के द्वारा सेंत-मेंत दिया। \ No newline at end of file