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\v 3 और यह पहले जान लो, कि अन्तिम दिनों में ठट्ठा करनेवाले आएँगे, जो अपनी ही अभिलाषाओं के अनुसार चलते हैं । \v 4 और कहेंगे, “उसके फिर से आने की प्रतिज्ञा कहाँ गई? क्योंकि जब से पूर्वज सो गए हैं, सब कुछ वैसा ही है, जैसा सृष्टि के आरम्भ से था।”