\c 2 \v 1 जिस प्रकार उन लोगों में झूठे भविष्यद्वक्ता थे उसी प्रकार तुम में भी झूठे उपदेशक होंगे, जो नाश करनेवाले पाखण्ड का उद्घाटन छिप छिपकर करेंगे और उस प्रभु का जिस ने उन्हें मोल लिया है इन्कार करेंगे और अपने आप पर शीघ्र विनाश लाएंगे। \v 2 और बहुत सारे उनके समान लुचपन के मार्ग पर चलेंगे, जिनके कारण सत्य के मार्ग की निन्दा की होगी। (रोम. 2:24, यहे. 36:22) \v 3 और वे लालच में आकर भरमानेवाली बातें गढ़कर तुम्हें अपने लाभ का कारण बनाएँगे, और जो दण्ड की आज्ञा उन पर पहले से हो चुकी है, उसके आने में कुछ भी देर नहीं, और उनका विनाश उँघता नहीं परन्त उनकी प्रतीक्षा कर रहा है।