From 584f578302be363480b126321420d56d0f86c6b9 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Sun, 17 Nov 2024 00:24:13 +0530 Subject: [PATCH] Sun Nov 17 2024 00:24:13 GMT+0530 (India Standard Time) --- 01/05.txt | 2 +- 01/08.txt | 1 + 01/10.txt | 1 + 3 files changed, 3 insertions(+), 1 deletion(-) create mode 100644 01/08.txt create mode 100644 01/10.txt diff --git a/01/05.txt b/01/05.txt index ac318f6..aa472e4 100644 --- a/01/05.txt +++ b/01/05.txt @@ -1 +1 @@ -\v 5 और इसी कारण तुम सब प्रकार का यत्न करके, अपने विश्वास में भलाई, भलाई में ज्ञान, ज्ञान में संयम, संयम में धीरज, धीरज में भक्ति; \v 7 भक्ति में भाईचारे की प्रीति, और भाईचारे की प्रीति में प्रेम, बढ़ाते जाओ। \ No newline at end of file +\v 5 और इसी कारण तुम सब प्रकार का यत्न करके, अपने विश्वास में भलाई, भलाई में ज्ञान, \v 6 ज्ञान में संयम, संयम में धीरज, धीरज में भक्ति; \v 7 भक्ति में भाईचारे की प्रीति, और भाईचारे की प्रीति में प्रेम, बढ़ाते जाओ। \ No newline at end of file diff --git a/01/08.txt b/01/08.txt new file mode 100644 index 0000000..4d9c496 --- /dev/null +++ b/01/08.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 8 क्योंकि यदि ये बातें वर्तमान में तुम में हों और बढ़ती जाएं, तो वे तुम्हें हमारे प्रभु यीशु मसीह की पहचान में निकम्मे और निष्फल न होने देंगी। \v 9 क्योंकि जिसमें ये बातें नहीं, वह अंधा है, और धुन्धला देखता है*, और अपने पुराने पापों से धुलकर शुद्ध होने को भूल बैठा है। \ No newline at end of file diff --git a/01/10.txt b/01/10.txt new file mode 100644 index 0000000..e2bd878 --- /dev/null +++ b/01/10.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 10 \v 11 इस कारण हे भाइयों, अपने बुलाए जाने, और चुन लिये जाने को सिद्ध करने का भली भाँति यत्न करते जाओ, क्योंकि यदि ऐसा करोगे, तो कभी भी ठोकर न खाओगे; 11 क्योंकि इस रीति से तुम हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनन्त राज्य में बड़े आदर के साथ प्रवेश करने पाओगे। \ No newline at end of file