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\v 5 जो सचमुच विधवा है, और उसका कोई नहीं; वह परमेश्‍वर पर आशा रखती है, और रात-दिन विनती और प्रार्थना में लौलीन रहती है। (यिर्म. 49:11) \v 6 पर जो भोग विलास में पड़ गई, वह जीते जी मर गई है।