From c5a8e58fda80c99254b3db3fe4e81c0dd23fb7c7 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Mon, 2 Dec 2024 23:03:05 +0530 Subject: [PATCH] Mon Dec 02 2024 23:03:05 GMT+0530 (India Standard Time) --- 04/11.txt | 2 +- 05/11.txt | 2 +- 2 files changed, 2 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/04/11.txt b/04/11.txt index e8742e6..4abd44f 100644 --- a/04/11.txt +++ b/04/11.txt @@ -1 +1 @@ -\v 11 इन बातों की आज्ञा देकर और सिखाता रह। \p \v 12 कोई तेरी जवानी को तुच्छ न समझने पाए; पर वचन, चाल चलन, प्रेम, विश्वास, और पवित्रता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा। \v 13 जब तक मैं न आऊँ, तब तक पढ़ने और उपदेश देने और सिखाने में लौलीन रह। \ No newline at end of file +\v 11 इन बातों की आज्ञा देकर और सिखाता रह। \v 12 कोई तेरी जवानी को तुच्छ न समझने पाए; पर वचन, चाल चलन, प्रेम, विश्वास, और पवित्रता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा। \v 13 जब तक मैं न आऊँ, तब तक पढ़ने और उपदेश देने और सिखाने में लौलीन रह। \ No newline at end of file diff --git a/05/11.txt b/05/11.txt index 9203c4e..c85af10 100644 --- a/05/11.txt +++ b/05/11.txt @@ -1 +1 @@ -\v 11 पर जवान विधवाओं के नाम न लिखना, क्योंकि जब वे मसीह का विरोध करके सुख-विलास में पड़ जाती हैं, तो विवाह करना चाहती हैं, \v 12 और दोषी ठहरती हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी पहली प्रतिज्ञा को छोड़ दिया है। \p \v 13 और इसके साथ ही साथ वे घर-घर फिरकर आलसी होना सीखती है, और केवल आलसी नहीं, पर बक-बक करती रहती और दूसरों के काम में हाथ भी डालती हैं और अनुचित बातें बोलती हैं। \ No newline at end of file +\v 11 पर जवान विधवाओं के नाम न लिखना, क्योंकि जब वे मसीह का विरोध करके सुख-विलास में पड़ जाती हैं, तो विवाह करना चाहती हैं, \v 12 और दोषी ठहरती हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी पहली प्रतिज्ञा को छोड़ दिया है। \v 13 और इसके साथ ही साथ वे घर-घर फिरकर आलसी होना सीखती है, और केवल आलसी नहीं, पर बक-बक करती रहती और दूसरों के काम में हाथ भी डालती हैं और अनुचित बातें बोलती हैं। \ No newline at end of file