Sat Nov 23 2024 22:17:22 GMT+0530 (India Standard Time)
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787cdd756b
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\v 14 उस वरदान से जो तुझ में है, और भविष्यद्वाणी के द्वारा प्राचीनों के हाथ रखते समय तुझे मिला था, उसकी उपेक्षा मत कर । \v 15 उन बातों को सोचता रह और इन्हीं में अपना ध्यान लगाए रह, ताकि तेरी उन्नति सब पर प्रगट हो। \v 16 अपनी और अपने उपदेश में सावधानी रख। इन बातों पर स्थिर रह, क्योंकि यदि ऐसा करता रहेगा, तो तू अपने, और अपने सुननेवालों के लिये भी उद्धार का कारण होगा।
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अध्याय 5
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"04-03",
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"04-06",
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"04-09",
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"04-11"
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"04-11",
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"04-14",
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"05-title"
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