From 3a9730a3d2a6bd70743017c4d96ba668825c471b Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Sat, 23 Nov 2024 20:05:27 +0530 Subject: [PATCH] Sat Nov 23 2024 20:05:27 GMT+0530 (India Standard Time) --- 01/12.txt | 1 + 01/15.txt | 1 + manifest.json | 5 ++++- 3 files changed, 6 insertions(+), 1 deletion(-) create mode 100644 01/12.txt create mode 100644 01/15.txt diff --git a/01/12.txt b/01/12.txt new file mode 100644 index 0000000..4680d64 --- /dev/null +++ b/01/12.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 12 और मैं अपने प्रभु मसीह यीशु का, जिस ने मुझे सामर्थ्य दी है, धन्यवाद करता हूँ; कि उसने मुझे विश्वासयोग्य समझकर अपनी सेवा के लिये ठहराया, \v 13 मैं तो पहले निन्दा करनेवाला, और सतानेवाला, और अंधेर करनेवाला था; तो भी मुझ पर दया हुई, क्योंकि मैंने अविश्वास की दशा में बिन समझे बूझे ये काम किए थे। \v 14 और हमारे प्रभु का अनुग्रह उस विश्वास और प्रेम के साथ जो मसीह यीशु में है, बहुतायत से हुआ। \ No newline at end of file diff --git a/01/15.txt b/01/15.txt new file mode 100644 index 0000000..2a8f187 --- /dev/null +++ b/01/15.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 15 यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिनमें सबसे बड़ा मैं हूँ। \v 16 पर मुझ पर इसलिए दया हुई कि मुझ सबसे बड़े पापी में यीशु मसीह अपनी पूरी सहनशीलता दिखाए, कि जो लोग उस पर अनन्त जीवन के लिये विश्वास करेंगे, उनके लिये मैं एक आदर्श बनूँ। \v 17 अब सनातन राजा अर्थात् अविनाशी अनदेखे अद्वैत परमेश्‍वर का आदर और महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 276252b..63539c2 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -40,6 +40,9 @@ "01-title", "01-01", "01-03", - "01-05" + "01-05", + "01-09", + "01-12", + "01-15" ] } \ No newline at end of file