\v 4 ४) मय कायम देव नो धन्यवाद करु स अन मनी प्रार्थना मबि तुला याद करु स। \p \v 5 ५) किसा मय तुनो तो प्रेम अन विश्वासनी गोट वनाईन जो प्रभु यीशु म अन जर पवित्र लोक नी हारीस स । \p \v 6 ६) मय प्रार्थना करु सका, विश्वास म तुमनी सहभा गीता दरेक सारी गोटम नी ज्ञाना नी करता ताकदवर होवा जो मसीह म हामनी जाग स । \p \v 7 ७) किसाका ए भाव होन मला तुनो प्रेम थी पक्का खुशी अन शान्ति मिय आस तिनि करता का तुनाथी पवित्र लोक नी मन मजबुत पुराअन सुर्या होय गया ।