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\v 7 ७ आपला मसीह म तिना रगत थी छुटकारो महजे गुना नी माफी परमेश्वर ना अनुग्रह मा दान थी मियना स। \p \v 8 ८ जिल तो आखी ज्ञान अन समज नी हारी आपुन प बहुतायत थी करनो। 9 तो तिनि इच्छा नो राज तिना सारा अभिप्राय नी अनुसार हामला आकनो, ठानी लेय लो आतलो।