1 line
594 B
Plaintext
1 line
594 B
Plaintext
|
\v 31 ३१ बट्टा प्रकार नी कडवाहट अन प्रकोप अन रग , अन कलह , अन निन्दा बट्टा बैर-भाव समद तुगनाती दूर कराय जाय । \p \v 32 ३२ यक भिसरा प कृपालु , अन करुणामय होय , अन जिस परमेश्वर मसीह म तुमना अपराध माफ कर नो तीसज तुमु बी यक भिसरानो अपराध मापा करा ।
|