\c 3 \v 1 १ हे प्रिय आमी हाय तुमला यी बिसरी चिट्ठी लखु स अन बेनीम सुधी दिन तुमना शुध्द मनला उभारता स \p \v 2 २ का तु त्यो गोटला जो पवित्र भविष्यवक्ता ला पयलतिज आकेलज स अन प्रभु अन उद्धारकर्ता नी ति आज्ञा ला याद करा जो तुमला प्रेषितानी तरफ थी दिगयी आस