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\v 47 पाछी ती स्त्री आपोल दोबाय नाव ई विअईन, थुर थुर कापती आली आने तिईया आगला उपडु पोडीन माआये काहा थुला हाय लागव्यो आने तुरुत आय केहकी हारी वि गिई ई होग्गा लोकाहा तिईयोई आख्यो. \v 48 ताहा तियाई तिईल आख्यो, पोयरी तो विश्ववासाही तुल तारी लेदो शांती कीजो. |