bhb-x-billori_2ti_text_reg/03/01.txt

1 line
935 B
Plaintext

\c 3 \v 1 पेन जाहा सेल्यो कालाम संकटा दिही आवी ताहा होमजी ल्या \v 2 लोक स्वार्थी, लोभी, बढाई केनारा, गार्विष्ठ, निंदा केनारा याहकी बाहका गोठ्या नाय माननारा, अनुपकारी, अधार्मिक, \v 3 बीजा केडापबी दोया नाय केनारा, चुगल्या केनारा असंयमी क्रुर हाऱ्या गोठीप प्रेम नाय केनारा, \v 4 विश्वासघाती, उतवाल्या, गर्वाकी पोराला, देवाप प्रीती केरापेक्षा चैनी वादार पोटनारी एहेडी वि जाय,