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\v 9 क ब्यवस्थव ईहे नहीं कहत की मूसा कय ब्यवस्था मा लिखा बाय दावरी मा चलत बयल कय मुह न बंधा जाय का परमेश्वर बैलन कय चिंता नहीं कराथय \v 10 ई खास कईके हमरे ताई कहा थय हमारी ताय लिखा बाय काहे की अच्छा बाय की जोतय वाला आशा से जोतय अउर दांवे वाला भागी हुवे की आशा से दावरी करय \v 11 जब हम तोहरे अन्दर मा आत्मिक बात बोयन तव का इ कवनो बड़ी बात बाय की तोहरे देहि कय बस्तु कय फसल काटय |