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\v 37 और जवन तू बोट है यह ऊ देह नाही जवन उत्त्पन्न होय वाली है लकिन निरादाना है चाहे गेहू का चाहे किसी अनाज का हो | \v 38 लकिन परमेश्वर अपने मर्जी के अनुसार ओका देह देता है और एक बिज का उसकी बिशेष देह है | \v 39 सब शारीर एक प्रकार नाही मनईन का शारीर और है पशुंअन का शारीर और है पछियो को शारीर ऑउर ह मछलियों का शारीर ऑउर ह | |