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\v 18 लकिन सच मुच परमेश्वर अंग का अपने मन से यक यक कैके धरे हरे हैय \v 19 अगर वे सब यक अंग होते तव देह कहा हुवत \v 20 लकिन तव अंग बहुत बाय लकिन देह बहुत बाय|