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\v 12 दुसरे से प्रभु नाही,हमहींन कहित हान की अगर केहू कय मेहरारू विश्वास न करत होय और अउर वकरे साथे खुश होयतव वह्का न छोड़य | \v 13 अउर जेकय मर्द विश्वास न करत होय खुश होय तव अपने मर्द का न छोड़य | \v 14 काहेसे यस मर्द जे विश्वास न रक्खत होय उ मेहरारू के कारण पवित्र होथय,यस मेहरारू जे विश्वास न रक्खत हो उ मर्द के कारण पवित्र होथय; नाही तव लड्कवाले अशुध्द होते ,अब तव पवित्र हए | |