Sat Jul 22 2017 10:25:40 GMT+0530 (India Standard Time)
This commit is contained in:
parent
6e75ef1b5b
commit
b5edd5a340
|
@ -1 +1 @@
|
|||
\v 24 24.एकरे बाद अंत होई ओही समय ऊ साडी प्रथानता और सगरो अधिकार और समर्थ क अंत कइके राज्य का परमेश्वर पिता के हाथ में सोप देइहन | \v 25 25.काहे से जब तक ओ अपने बैरियो का अपने पाव के टेल न लेयिजैह तबतक ओनके रज्य करब अवश्य होई । \v 26 26.सबसे आखिरी दुसमन जवन नष्ट किये गया ओही मृत्यु होए।
|
||||
\v 24 एकरे बाद अंत होई ओही समय ऊ साडी प्रथानता और सगरो अधिकार और समर्थ क अंत कइके राज्य का परमेश्वर पिता के हाथ में सोप देइहन | \v 25 काहे से जब तक ओ अपने बैरियो का अपने पाव के टेल न लेयिजैह तबतक ओनके रज्य करब अवश्य होई । \v 26 सबसे आखिरी दुसमन जवन नष्ट किये गया ओही मृत्यु होए।
|
|
@ -1 +1 @@
|
|||
\v 27 \v 28 27.और परमेश्वर ने सबकुछ उनके पर के निचवे क्र दिहिन लेकिन जवन उहे कहत रहेन कि सब उनके अधीन के दिया गवा है तव सामने ह कि जवन सबकुछ ओकरे अधीन कई दिहिन ऊ अपे अलग होई गवा। 28.और जवन सबकुछ ओकरे अधीन होई गवा त पुत्र भी आप ही ओकरे अधीन होई जायेगा जाऊने से सबकुछ ओकरे अधीन कई दिहिन ताकि सब म परमेश्वर ही सबकुछ होय।
|
||||
\v 27 और परमेश्वर ने सबकुछ उनके पर के निचवे क्र दिहिन लेकिन जवन उहे कहत रहेन कि सब उनके अधीन के दिया गवा है तव सामने ह कि जवन सबकुछ ओकरे अधीन कई दिहिन ऊ अपे अलग होई गवा। \v 28 और जवन सबकुछ ओकरे अधीन होई गवा त पुत्र भी आप ही ओकरे अधीन होई जायेगा जाऊने से सबकुछ ओकरे अधीन कई दिहिन ताकि सब म परमेश्वर ही सबकुछ होय।
|
|
@ -1 +1 @@
|
|||
\v 29 \v 30 29.नाही त जवन लोग मरे हुयो के लिय बप्तिस्मा लेट रहेन उहे काउ करिहे अगर मुर्दे जी उठाते ही नही त फिर कहे का उनके लिय बप्तिस्मा लेट रहेन। 30.और हमहू कहे का हर घडी जोखिम मा पडा रहित है।
|
||||
\v 29 नाही त जवन लोग मरे हुयो के लिय बप्तिस्मा लेट रहेन उहे काउ करिहे अगर मुर्दे जी उठाते ही नही त फिर कहे का उनके लिय बप्तिस्मा लेट रहेन। \v 30 और हमहू कहे का हर घडी जोखिम मा पडा रहित है।
|
|
@ -1 +1 @@
|
|||
\v 31 \v 32 31 हे भाइयो हमे वाहे घमण्ड के सपथ है जवन हमारे मसीह यीशु म हम तोहरे विषय में करिथि कि हम सबदीन मरता हु। 32.अगर हम मनाई के रित पर इफसुस में वन पशुओ से लड़न त हमें काउ लाभ भवा अगर मुर्दे न जिआवा जाये तो आओ खाए पिहीन कहे कि कल मर ही जय के बाय |
|
||||
\v 31 हे भाइयो हमे वाहे घमण्ड के सपथ है जवन हमारे मसीह यीशु म हम तोहरे विषय में करिथि कि हम सबदीन मरता हु। \v 32 अगर हम मनाई के रित पर इफसुस में वन पशुओ से लड़न त हमें काउ लाभ भवा अगर मुर्दे न जिआवा जाये तो आओ खाए पिहीन कहे कि कल मर ही जय के बाय |
|
|
@ -204,6 +204,10 @@
|
|||
"15-18",
|
||||
"15-20",
|
||||
"15-22",
|
||||
"15-24",
|
||||
"15-27",
|
||||
"15-29",
|
||||
"15-31",
|
||||
"16-title"
|
||||
]
|
||||
}
|
Loading…
Reference in New Issue