agapevision_bgc_obs_text_obs/07/02.txt

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एक दिन एसाव जंगल तयै थका होया आईया , अरै उसै घणीये भूख लागै थयी | एसाव ने याकूब ते कहया , “ज्यों खाणा तन्ये पकाया सैैै उसै म्है तै मन्यै भी किम्मै खाणै देयो” याकूब ने कहैया, “पहलेया, अपणै पहिलौठे का अधिकार आज म्हारै हाथ बेच दै” त्यो एसाव ने अपणै पहिलौठे का अधिकार याकूब के हाथ बेच दईया | जदै याकूब ने एसाव को खाणै के खातेर किम्मै खाणा दईया|