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म्हैै थारैैै ते एक बड़ी जाति बणावागा अरै मे थ़़ारै या पणमेश्वर होवगा | ज्यों थमणै आशीर्वाद दे उनताही म्है आशिष देयुगा अरै तनै ज्यों कोसै गा , उनताही म्है शाप देउगा | अरै भूमंडल के सारै कुल थारैै कारण आशीष पावांगै'' | पणमेश्वर ने आब्रम ते कहया कि थारै म्है ते एक एक माणस का खतणा हो | ज्यों वाचा मन्यै अरै थारै बीच म्है सै , उसका यहो चिन्ह होवेगा | अरै आब्रम ने
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आज्ञा मानी |